जमाना टचस्क्रीन का आ गया है इसलिए सभी चीजें टचस्क्रीन हो गयी हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि बहुत कम लोग ही इस तकनीक के साथ खुश होते हैं ज्यादातर लोग इसकी बुराई करते हुए नजर आते हैं। यहाँ मैं आप लोगों के सामने इस तकनीक के कुछ विशेष पहलुओं पर चर्चा कर रहा हूँ जिससे कि आपको इस तकनीक की उचित जानकारी हो जाए।
"हमेशा ऐसी डिवाइस का चयन करें जिसकी टचस्क्रीन तकनीक कैपेसिटिव हो न कि रेजिस्टिव।"
कैपेसिटिव टचस्क्रीन तकनीक एक आधुनिक तकनीक है जबकि रेजिस्टिव टचस्क्रीन तकनीक एक पुरानी (या कहें आउटडेटेड) तकनीक है। कैपेसिटिव टचस्क्रीन का टच एक्सपेरिएंस (अनुभव) बहुत ही शानदार होता है जबकि रेजिस्टिव टचस्क्रीन का टच एक्सपेरिएंस बहुत ही घटिया होता है । यही मुख्य बजह है कि लोग टच स्क्रीन तकनीक को घटिया बताते हैं लेकिन ऐसा इसलिए होता है क्यों कि वो लोग रेजिस्टिव टचस्क्रीन डिवाइस का प्रयोग करते हैं। बाजार में रेजिस्टिव टचस्क्रीन डिवाइस बहुत ही सस्ते दामो में मिल जाते हैं सस्ते दामो के चक्कर में लोग अच्छा टच एक्स्पेरियेंस प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि सस्ती डिवाइसों में ही रेजिस्टिव तकनीक प्रयोग की जाती है बहुत से महंगी डिवाइस भी इस तकनीक का प्रयोग कर रही हैं उदहारण के लिए विश्व की न.1 मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया को ही देखिये नोकिया C6 मोबाइल फोन काफी महंगा है फिर भी इसकी टचस्क्रीन तकनीक रेजिस्टिव है जो एक अच्छा टच एक्सपेरिएंस नहीं देती है।
अगर आपका बजट Rs.8000 से ऊपर का है तो ही आप टचस्क्रीन फोन खरीदने की सोचें (क्यों क़ि इस बजट से ऊपर की कीमत में ही आपको कैपेसिटिव टचस्क्रीन फोन बाज़ार में मिलेगा) अगर आपका बजट इससे कम है तो टचस्क्रीन को भूल जाएँ क्यों वो रेजिस्टिव टच स्क्रीन वाला फोन होगा और वो टचस्क्रीन नहीं प्रेस-स्क्रीन फोन होगा :)
"Capacitive touchscreen phone must buy, Resistive touchscreen phone don't buy "
"हमेशा ऐसी डिवाइस का चयन करें जिसकी टचस्क्रीन तकनीक कैपेसिटिव हो न कि रेजिस्टिव।"
कैपेसिटिव टचस्क्रीन तकनीक एक आधुनिक तकनीक है जबकि रेजिस्टिव टचस्क्रीन तकनीक एक पुरानी (या कहें आउटडेटेड) तकनीक है। कैपेसिटिव टचस्क्रीन का टच एक्सपेरिएंस (अनुभव) बहुत ही शानदार होता है जबकि रेजिस्टिव टचस्क्रीन का टच एक्सपेरिएंस बहुत ही घटिया होता है । यही मुख्य बजह है कि लोग टच स्क्रीन तकनीक को घटिया बताते हैं लेकिन ऐसा इसलिए होता है क्यों कि वो लोग रेजिस्टिव टचस्क्रीन डिवाइस का प्रयोग करते हैं। बाजार में रेजिस्टिव टचस्क्रीन डिवाइस बहुत ही सस्ते दामो में मिल जाते हैं सस्ते दामो के चक्कर में लोग अच्छा टच एक्स्पेरियेंस प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि सस्ती डिवाइसों में ही रेजिस्टिव तकनीक प्रयोग की जाती है बहुत से महंगी डिवाइस भी इस तकनीक का प्रयोग कर रही हैं उदहारण के लिए विश्व की न.1 मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया को ही देखिये नोकिया C6 मोबाइल फोन काफी महंगा है फिर भी इसकी टचस्क्रीन तकनीक रेजिस्टिव है जो एक अच्छा टच एक्सपेरिएंस नहीं देती है।
अगर आपका बजट Rs.8000 से ऊपर का है तो ही आप टचस्क्रीन फोन खरीदने की सोचें (क्यों क़ि इस बजट से ऊपर की कीमत में ही आपको कैपेसिटिव टचस्क्रीन फोन बाज़ार में मिलेगा) अगर आपका बजट इससे कम है तो टचस्क्रीन को भूल जाएँ क्यों वो रेजिस्टिव टच स्क्रीन वाला फोन होगा और वो टचस्क्रीन नहीं प्रेस-स्क्रीन फोन होगा :)
"Capacitive touchscreen phone must buy, Resistive touchscreen phone don't buy "
बहुत बढि़या जानकारी
जवाब देंहटाएंशानदार!